//गऊघाट सोन नदी पुल पर वाहन रोककर हुई लूट का कमर्जी पुलिस ने किया खुलाशा, लूटा गया सम्पूर्ण मशरुका बरामद//
पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा के कुशल निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद श्रीवास्तव एवं एसडीओपी चुरहट श्री आशुतोष द्विवेदी के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी कमर्जी उनि. पवन सिंह के नेतृत्व में कमर्जी पुलिस ने लूट में प्रयुक्त मोटर सायकल को जप्त कर लूट का किया खुलाशा ।
मामले का संक्षिप्त विवरण:- दिनांक 20.05.2024 को फरियादी उमेश कुमार कुशवाहा पिता छठीलाल कुशवाहा निवासी मरसर थाना कमर्जी का थाना उपस्थित आकर एक लिखित आवेदन पत्र पेश किया जिसमे आज दिनांक 20/05/24 को समय करीब 10:00 बजे गुलाब फ्यूल्स पेट्रोल पम्प सीधी से काम कर अपने घर ग्राम मरसर अपनी मोटर सायकल क्र एमपी 53 एमजे 3170 से जा रहा था जैसे ही सोन नदी गऊघाट पुल मे पहुचा समय उसी समय एक मोटर सायकल बड़ी तेजी से मेरे मोटर सायकल के आगे निकली तब मैं देखा की उस मोटर सायकल मे 04 व्यक्ति बैठे थे जिसका नंबर MP 53 ZC 0627 था उसी मोटर सायकल मे सवार 04 व्यक्ति मेरे मोटर सायकल के सामने अपनी मोटर सायकल खड़ी कर दिये एवं मेरी मोटर सायकल की चाभी छीन लिया उसके बाद मेरा मोबाइल redmi 10 power, व जेब में रखा पर्स मे ATM कार्ड व आधार कार्ड एवं अन्य कागजात रखा था तथा साथ मे लिए पिड्डू बैग जिसमे पानी पीने की बाटल एवं बैग के अंदर नगदी 20,000 रुपये एवं काउंटर की चाभी छींन कर भाग गए जिसकी जानकारी मेरे द्वारा रणविजय वर्मा निवासी लोनहा एवं पेट्रोल पम्प मालिक कृष्ण देव सिंह चौहान को बताया हूं। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना कमर्जी में धारा 392 का अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपियो की पता तलाश की गई जो आरोपी मोटर सायकल क्रमांक MP 53 ZC 0627 का चालक विधि विरुद्ध बालक को दस्तयाब किया गया जिससे पूछताछ पर अपने 3 अन्य साथियों के साथ घटना कारित करना स्वीकार किये जिससे उक्त तीनों आरोपियो की पता तलाश की जाकर दस्तयाब किया गया जिनके व्दारा घटना कारित स्वीकार किया गया है एवं लूट की राशि आपस में बांट लेना बताये लूटी गई समस्त सामग्री को दस्तयाब करवाये चारो विधि विधि विरुद्ध बालको से उक्त आपराधिक कृत्य के संबंध में पूछताछ की जा रही है प्रकरण की विवेचना जारी है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी कमर्जी उनि पवन सिंह, सउनि केशरी पाण्डेय, मोतीलाल रावत, शिशुपाल सिंह, प्रआर राजू प्रजापति, आरक्षक नीरज सिंह, अभिषेक त्रिपाठी एवं मुकेश का सराहनीय योगदान रहा।