प्रेस विज्ञप्ति
सेमरिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई –1180 शीशी प्रतिबंधित नशीली सिरप के साथ ₹12.50 लाख से अधिक का मसरूका जप्त, आरोपी गिरफ्तार

अभियान के तहत त्वरित और निर्णायक कार्यवाही
पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन श्री गौरव राजपूत द्वारा मेडिकल नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कोरी के कुशल निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद श्रीवास्तव एवं एसडीओपी चुरहट श्री आशुतोष द्विवेदी के मार्गदर्शन में, थाना प्रभारी सेमरिया उप निरीक्षक केदार परोहा के नेतृत्व में सेमरिया पुलिस ने प्रतिबंधित नशीली कफ सिरप की तस्करी करने वाले आरोपी को पकड़ने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

थाना प्रभारी सेमरिया को मुखबिर से सूचना मिली कि एक स्कॉर्पियो वाहन में बड़ी मात्रा में नशीली कफ सिरप लाई जा रही है। सूचना मिलने के तुरंत बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए रणनीतिक रूप से पुलिस टीम का गठन किया गया और घेराबंदी कर कार्रवाई की गई।

1180 शीशी ऑनरेक्स कफ सिरप, वाहन और मोबाइल सहित कुल ₹12,52,770/- का मसरूका जप्त
पुलिस टीम ने मिर्चवार के पास प्रारंभिक घेराबंदी के दौरान आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया, किंतु वह भाग गया। तत्पश्चात ग्राम तिलमनडाड़ी हरिजन बस्ती के पास पुनः घेराबंदी कर स्कार्पियो वाहन क्रमांक MP18 T 3683 सहित आरोपी सूरज तिवारी, पिता चिंतामणि तिवारी, उम्र 28 वर्ष, निवासी जिला शहडोल को गिरफ्तार किया।

आरोपी की निशानदेही पर उसके कब्जे से:
* 1180 शीशी ऑनरेक्स कफ सिरप (कुल मूल्य ₹2,37,770/-)
* स्कार्पियो वाहन (अनुमानित मूल्य ₹10,00,000/-)
* मोटोरोला मोबाइल फोन (मूल्य ₹15,000/-)

जप्त किए गए। कुल जप्त मसरूका लगभग ₹12,52,770/- है।

आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर थाना लाया गया और उसके विरुद्ध धारा 8, 21, 22, 29 एनडीपीएस एक्ट, 5/13 ड्रग्स कंट्रोल एक्ट एवं धारा 238B BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी से यह पूछताछ जारी है कि यह नशीला पदार्थ कहां से लाया गया और कहां ले जाने वाला था।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी उप निरीक्षक केदार परोहा, सहायक उप निरीक्षक भूपेंद्र बागरी, प्रधान आरक्षक- जगदीश सिंह, पंकज विश्वकर्मा, आरक्षक- मनीष शुक्ला, विनीत सिंह एवं भूपेंद्र बागरी, प्रकाश सिंह बघेल का योगदान अत्यंत उल्लेखनीय रहा। यह कार्रवाई मेडिकल नशे की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने और युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए पुलिस प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है।

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